“राखी की विभिन्न परंपराएं दुनियाभर में”
राखी, जो पूरे विश्व में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध पर्व है, एक ऐसी परंपरा है जिसकी महत्वपूर्ण भूमिका सभी भारतीयों के दिलों में बनी हुई है। यह रिश्ता भाई-बहन के प्यार, सम्मान और साझी बंधन को दर्शाता है। यह पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-थलग तरीकों से मनाया जाता है, जिसमें राखी की परंपराएं विभिन्न आचरणों और रस्मों के साथ जुड़ी होती हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम विश्वभर में राखी की विभिन्न परंपराओं का परिचय करेंगे। हम देखेंगे कि भारत के अलावा अन्य देशों में कैसे यह पर्व मनाया जाता है और विभिन्न सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के साथ कैसे जुड़ी होती है। चाहे वह नेपाल में जानेमाने “जनै पूर्णिमा” हो या मॉरीशस में विशेष रूप से मनाया जाने वाला “रक्षा बंधन”, यह पोस्ट आपको राखी उत्सव की विविधता को विस्तार से समझाने का पूरा अवसर देगी।
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नागा राखी उत्सव”
नागालैंड राज्य में नागा श्रमण समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला यह उत्सव विशेष रूप से पश्चिमी नागालैंड के कोहिमा जिले में होता है। यहां परंपरागत नागा राखी बांधी जाती है, जिसमें एक नागा युवक भाई के द्वारा बहन को राखी बांधी जाती है। यह उत्सव नागा संस्कृति, नृत्य, गीत और मार्शल आर्ट्स के साथ मनाया जाता है।
“जनजाति राखी उत्सव”
छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य में विभिन्न जनजातियों द्वारा राखी उत्सव मनाया जाता है। इन उत्सवों में, विभिन्न जनजातियों के प्रतिनिधि अपनी परंपरागत राखी बांधते हैं और संगठन करते हैं। ये उत्सव भाई-बहन के रिश्तों को सम्मानित करने और जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का एक माध्यम है।
“अक्षय तृतीया राखी”
वेस्ट बंगाल राज्य में, अक्षय तृतीया के दिन राखी उत्सव मनाया जाता है। यह राखी उत्सव श्रीश्रीकृष्ण के अवतार विषयक है और इसमें बड़ी संख्या में भक्तजन एकत्र होते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। इस दिन, राधा-कृष्ण मंदिर में राखी बांधी जाती है और प्रसाद के रूप में भक्तों को बांधी जाती है।
“खेचरी उत्सव”
यह राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में मनाया जाता है। इस उत्सव में, एक खेचरी नामक जाति के पुरुष भाईयों को उनकी बहनों द्वारा राखी बांधी जाती है। इसके बाद भाईयों को अपनी बहनों के घर जाकर खाना खिलाना पड़ता है। यह अद्वितीय उत्सव परंपरागत भव्यता और सांस्कृतिक आयाम के लिए प्रसिद्ध है।
“काजली उत्सव”
झारखंड राज्य के सारगड़ा जिले में काजली उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में, मुंह चिढ़ाई के रूप में भाई-बहन के बीच काजली नामक फलों का उपयोग किया जाता है। भाईयों को काजली फल द्वारा अद्वितीय राखी बांधी जाती है और इसके बाद उन्हें अपनी बहनों को गिफ्ट देना पड़ता है।
“सिंह जुलेहा”
बिहार राज्य में सिंह जुलेहा उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में, लोग सिंह जुलेहा नामक चटाई बनाते हैं, जिसे राखी के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बाद, युवकों को अपनी बहनों को इस चटाई के साथ गिफ्ट देना पड़ता है।
ये केवल कुछ उदाहरण हैं, जहां विभिन्न भारतीय राज्यों में विशेष रूप से मनाये जाने वाले राखी उत्सवों का उल्लेख किया गया है। ये उत्सव राखी के परंपरागत महत्व और भारतीय संस्कृति के आदर्शों को प्रकट करने का एक अद्वितीय माध्यम हैं।