पद्मासन(Lotus Pose): चमत्कारिक लाभ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

पद्मासन क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है।(Description of Padmasana: What is Padmasana and how is it done?)

पद्मासन योगासन का एक प्रमुख आसन है जो आसनों की श्रेष्ठता में से एक माना जाता है। इस आसन को ध्यान में आसानी से बैठने के लिए जाना जाता है।पद्मासन एक प्रमुख योगासन है जो ध्यान और ध्यानाभ्यास के लिए उपयुक्त है। इस आसन में व्यक्ति के पैरों को विशेष तरीके से घुमाकर उन्हें उपरी जांघ के ऊपर स्थानीय रूप से रखा जाता है। इस तरह के आसन से शरीर की मुद्राएं (योगिक पोजिशन) सुखद और स्थिर होती हैं, जो ध्यान और मेधा विकास को सहायता प्रदान करता है।

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पद्मासन बनाने की विधि:

  1. सबसे पहले योग मैट या एक स्थिर जगह पर बैठें।
  2. पैरों को समतल पर रखें और दोनों हाथों से उन्हें सहारा दें।
  3. दाईं पैर को उठाकर उसे वाम जांघ के ऊपर रखें, और वाम पैर को दाहिनी जांघ पर रखें।
  4. अब पैरों को गहराई से जोड़ें और उन्हें कमर के नीचे डालें। जब यह स्थिति सुखद हो तो पैरों को समतल पर रखें।
  5. हाथों को मुद्रा बनाकर घुटनों पर रखें। दोनों हाथों के अंगूठे के साथ दोनों पैरों के अंगूठे को पकड़ें।
  6. सांस धीरे से लें और ध्यान को स्थिर करें।

पद्मासन के चमत्कारिक लाभ:

  1. शारीरिक लाभ:

    • स्थिरता: पद्मासन बनाने से शरीर में स्थिरता आती है, जिससे अन्य योगासनों को सही ढंग से करने में मदद मिलती है।
    • संतुलन: इस आसन में बैठने से शरीर का संतुलन बना रहता है, जिससे शरीर की प्राकृतिक संतुलन शक्ति में सुधार होता है।
    • लचीलापन: पद्मासन के अभ्यास से घुटने और जांघों के कण्ठ में लचीलापन बढ़ता है, जिससे शरीर की लाचीलापन बेहतर होती है।
  2. मानसिक लाभ:

    • ध्यान को स्थायी करने: पद्मासन ध्यान को स्थायी करने के लिए उपयुक्त होता है, जो चिंताओं और विचारों को नियंत्रित करने में मदद करता है।
    • मन को शांत करने: यह आसन मन को शांत करने में सहायक होता है, जिससे मानसिक चिंताएं और तनाव कम होते हैं।
    • चिंता से मुक्ति: पद्मासन ध्यान और मेधा विकास में सहायक होकर व्यक्ति को चिंता से मुक्ति का अनुभव करवाता है।
  3. आध्यात्मिक लाभ:

    • चक्रों को शुद्ध करने: पद्मासन चक्रों को शुद्ध करने और प्राण शक्ति को सक्रिय करने में मदद करता है।
    • प्राण शक्ति को जागृत करने: इस आसन के अभ्यास से प्राण शक्ति का जागरण होता है, जो शरीर के प्राकृतिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
    • अंतर्मन के विकास के लिए: पद्मासन ध्यान के लिए अधिक स्थायी बैठने में सहायक होता है, जो अंतर्मन के विकास को प्रोत्साहित करता है।

पद्मासन का अभ्यास नियमित रूप से करने से ये शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। ध्यान और ध्यानाभ्यास के लिए यह आसन एक महत्वपूर्ण साधना है।

पद्मासन के वैज्ञानिक दृष्टिकोण(Scientific Perspective of Padmasana:)

1.योग और ध्यान के वैज्ञानिक महत्व का वर्णन।

  • योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसमें शरीर, मन, और आत्मा को संतुलित करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
  • ध्यान योग का एक अंग है जिसमें मन को एकाग्र करके आंतरिक शांति और स्थिरता को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।

ध्यान के वैज्ञानिक परिणामों और न्यूरोसाइंस से इसके संबंध का विवरण:

  • ध्यान के वैज्ञानिक अध्ययन ने दिखाया है कि ध्यान करने से मानसिक स्थिति बेहतर होती है और तनाव कम होता है।
  •  आत्म-संयम और ध्यानयोग,ध्यान का एक महत्वपूर्ण साधना है जो ब्रेन के अंग और वेव्स को प्रभावित करता है।
  • न्यूरोसाइंसी के अनुसार, ध्यान करने से ब्रेन के बैग के बीच कनेक्शन मजबूत होता है और ध्यानी की मानसिक शक्ति और समझ में सुधार होता है।
  • ध्यान आत्मा के साथ अधिक सम्बन्ध बनाने में मदद करता है और स्वयं को पहचानने और आंतरिक स्वयंसाक्षात्कार के पथ में सहायक होता है।
 

पद्मासन के प्रभाव और शारीरिक प्रभाव का वैज्ञानिक विश्लेषण:

  1. पद्मासन के बैठने के वैज्ञानिक प्रभाव:

    • बैठने के दौरान पद्मासन शरीर के कई शिरोमार्गों को संतुलित करता है और स्थिरता प्रदान करता है।
    • इस आसन में बैठने से पादों के माध्यम से प्रत्येक शिरोमार्ग एक बिलकुल निश्चित स्थान पर बना रहता है जो संतुलन को सुनिश्चित करता है।
    • पद्मासन ध्यान के लिए स्थिर एवं सहज बैठने के लिए उपयुक्त माना जाता है जो मेंद्रिय जगत्ता को कम करने और ध्यान में सहायता प्रदान करता है।
  2. घुटने, पैर, पेट, और कमर पर पद्मासन के शारीरिक प्रभाव:

    • घुटने: यह आसन घुटनों को मजबूत बनाता है और उन्हें लचीला बनाता है। इससे घुटने के दर्द की समस्या में सुधार होता है।
    • पैर: पद्मासन के अभ्यास से पैरों के मांसपेशियों को एक्सरसाइज का लाभ मिलता है और पैरों का संचार मजबूत होता है।
    • पेट: पद्मासन में बैठने से पेट के अंदरीय अंगों को मसीदों के द्वारा अच्छी तरह से मसाज करने का लाभ होता है, जिससे अधिक पाचन शक्ति होती है।
    • कमर: पद्मासन बैठने से कमर की मांसपेशियों को संचार मिलता है और कमर मजबूत होती है। इससे कमर दर्द की समस्या कम होती है।

पद्मासन के वैज्ञानिक प्रभाव और शारीरिक प्रभाव का विश्लेषण स्वास्थ्य और ध्यान के संबंध में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है। यह आसन शारीरिक और मानसिक स्थिरता और ध्यान को सहायता प्रदान करता है जो आत्मा के साथ अधिक संबंध बनाने और आंतरिक शांति को प्राप्त करने में मदद करता है।

 विभिन्न अध्ययनों के अनुसार पद्मासन के लाभ:

  • एक अध्ययन में पद्मासन के अभ्यास से ध्यान करने में सुधार करता है। ध्यान में बैठने के लिए पद्मासन का उपयोग मन को एकाग्र करने में मदद करता है और ध्यान में स्थिरता प्रदान करता है। (शोध: https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/31557250/)

  • एक और अध्ययन में पद्मासन के अभ्यास से स्ट्रेस लेवल में कमी हुई है और मानसिक शांति में सुधार हुआ है। यह आसन मानसिक रोगों और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। (शोध: https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25588697/)

पद्मासन के बारे में विशेषज्ञों के विचार और अनुभव:

  • योग और आध्यात्मिक विशेषज्ञों ने पद्मासन को ध्यान के लिए सबसे उपयुक्त आसनों में से एक माना है। इस आसन में बैठकर ध्यान करने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति को आत्मा से जुड़ने में मदद मिलती है।

  • पद्मासन के प्रशंसक और अनुयायी इसे शारीरिक धैर्य और मानसिक स्थिरता को प्रोत्साहित करने के लिए सराहते हैं। वे इसे ध्यान और ध्यानाभ्यास के लिए अधिकतर उपयुक्त मानते हैं।

  • विश्वभरी जी, एक प्रसिद्ध योगाचार्य ने पद्मासन को ध्यान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण आसन बताया है। उन्होंने कहा है कि पद्मासन में बैठने से मन को एकाग्र करने और ध्यान में स्थिरता के लिए एक अद्भुत तकनीक है।

इस प्रकार से अध्ययनों और विशेषज्ञों के विचारों से साबित होता है कि पद्मासन के अभ्यास से ध्यान और मनःशांति में सुधार हो सकता है। यह आसन योग और ध्यान के अभ्यास में अहम भूमिका निभाता है और व्यक्ति को आत्मा के साथ अधिक संबंध बनाने में मदद करता है।

किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या वाले व्यक्ति के लिए सावधानियां।

पद्मासन एक योग आसन है जिसके अभ्यास करने से पहले विशेष स्वास्थ्य समस्या वाले व्यक्तियों को निम्नलिखित सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. किसी भी चिकित्सक या योग गुरु के साथ परामर्श करें: यदि आपको किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या है, तो पहले अपने चिकित्सक या योग गुरु से सलाह लें। वे आपको आपके शारीरिक स्थिति के अनुसार सही तकनीक बता सकते हैं।

  2. आसन को सही तरीके से करें: पद्मासन एक शारीरिक आसन है जिसमें गुटने, पैर और पैरों के नीचे के अंगों को बहुत कसना पड़ता है। यदि आपको इसे सही तरीके से करने में कठिनाई होती है, तो उसे बिना ज़बरदस्ती के न करें। धीरे-धीरे अभ्यास करते जाएँ और अधिकतर आसन को सीधे पूरा करने की कोशिश न करें।

  3. संबंधित मुद्राएं: पद्मासन को अध्यात्मिक अभ्यास के लिए उपयोग में लेते हैं इसलिए इसके साथ ध्यान और प्राणायाम जैसी अन्य मुद्राएं भी संबंधित हो सकती हैं। इन्हें भी सही तरीके से अभ्यास करने के लिए विशेषज्ञ के साथ परामर्श करें।

  4. सक्रिय शारीरिक समस्या: यदि आपको गुटनों या घुटने की सक्रिय समस्या है, तो पद्मासन को न करें। इससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है।

  5. चिंता और दबाव के साथ अभ्यास: पद्मासन मन को शांत करने में मदद करता है लेकिन यदि आपको चिंता, तनाव या अधिक मानसिक दबाव है तो इसे करने से बचें। इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।

सावधानियों का पालन करके आप पद्मासन के लाभों को सुरक्षित और सकारात्मक रूप से उठा सकते हैं। यदि आपको किसी भी समय या योगाभ्यास के दौरान किसी भी तरह की असुविधा हो तो तुरंत अभ्यास बंद करें और चिकित्सक से परामर्श करें।

पद्मासन एक शानदार योग आसन है जो शरीर, मन, और आत्मा को संतुलित करने में मदद करता है। यह आसन ध्यान के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है और मन को शांत करने में सहायक है।

इसलिए ध्यान को स्थायी और सुसंगत बनाने के लिए पद्मासन अत्यंत उपयुक्त है। इस आसन में बैठकर, व्यक्ति को विचारों और चिंताओं से दूरी रखने की क्षमता मिलती है और उसे ध्यान के अध्यात्मिक अनुभव की ओर ले जाता है। ध्यान के लिए एक योगासन के रूप में, पद्मासन शरीर, मन, और आत्मा को एकीकृत करने में सहायक होता है और व्यक्ति को अंतर्मन के साथ अधिक संबंध बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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