नवरात्रि (Navaratri ) व्रत हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग महत्व रखता है। कुछ लोग इसे शारीरिक साफ़ाई का एक तरीका मानते हैं, जिससे वे अपने शरीर को डिटॉक्स कर सकें। वहां दूसरी ओर, कुछ लोग भगवान की भक्ति में इस नियमित उपवास को अपनाते हैं, जो उन्हें धार्मिक आत्मसमर्पण में मजबूती देता है। रात्रि के समय में उपवास में, कुट्टू का आटा, मिलेट्स, साबूदाना आदि कुछ ऐसी खाद्य पदार्थ जिन्हें सेवन किया जाता है, शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
इन दिनों, व्रत में उपयोग किए जाने वाले तत्व वास्तव में शरीर के लिए उपयोगी हो सकते हैं। कुट्टू, साबूदाना, फल, सब्जियां, दही, नारियल पानी, और शहद जैसे पदार्थ आपको ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं और आपकी पोषण संतुलन को बनाए रख सकते हैं।
व्रत में इन खाद्य पदार्थों का संयमित और सही मात्रा में सेवन करना उत्तम रहता है। अधिक मात्रा में सेवन करने से शारीर को पाचन समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, उन्हें सही रिक्तियों के साथ और नियमित अंतराल में सेवन करना चाहिए। इन उपायों के साथ-साथ, पर्याप्त पानी पीना भी महत्वपूर्ण है ताकि शरीर में विषाक्त पदार्थों का निस्संदेह बाहर निकल सके।
1.सिंघाड़ा (सिंघाड़ा)
पोषणीय मूल्य: सिंघाड़ा पोटैशियम, फाइबर और कई महत्वपूर्ण खनिजों से भरपूर होता है। यह कैलोरी में कम होता है और नजरअंदाज वसा होती है।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: उपवास के दौरान सिंघाड़ा को विभिन्न रूपों में खाया जा सकता है, जैसे कि सिंघाड़ा आटा (पूरी और पराठे बनाने में उपयोग किया जाता है), सिंघाड़ा चिप्स, या उबले हुए सिंघाड़ा। इसे मात्रिम में खाना चाहिए, अपने उपवासी आहार में समय-समय पर विविधता रखते हुए।
2.कुट्टू आटा (कुट्टू का आटा) नवरात्रि (Navaratri )
पोषणीय मूल्य: कुट्टू आटा ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत, उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोटीन, फाइबर, और विभिन्न पोषक तत्वों के स्रोत जैसे बी-विटामिन और चुनिंदा खनिजों में से मैग्नीशियम और आयरन होता है।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: उपवास के दौरान कुट्टू आटा को कुट्टू की रोटी, पूरी, या पकोड़े बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसे मात्रिम में खाना चाहिए, उपवास के दौरान संतुलित आहार बनाए रखने के लिए।
3. नवरात्रि (Navaratri ) मे राजगीरा (अमरांथ)
पोषणीय मूल्य: राजगीरा प्रोटीन, आहारी फाइबर, और कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, और फास्फोरस जैसे खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, और कुछ बी विटामिन भी होते हैं।
4.उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: उपवास के दौरान राजगीरा को रोटी, पूरी, या लड्डू बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसे मात्रिम में खाना चाहिए, एक संतुलित उपवासी आहार का हिस्सा बनाए रखने के लिए।
5.साबूदाना (सागो)
पोषणीय मूल्य: साबूदाना कार्बोहाइड्रेट में अमीर होता है और त्वरित ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत प्रदान करता है। यह कैल्शियम, आयरन, और थायमीन और नाइएसिन जैसे कुछ खनिजों का स्रोत भी होता है।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: साबूदाना को खिचड़ी, वड़ा, या खीर बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसे मात्रिम में खाना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक सेवन से रक्त शर्करा स्तर में उछाल हो सकती है।
6.नवरात्रि (Navaratri ) मे ड्राई फ्रूट्स
पोषणीय मूल्य: बादाम, अखरोट और अन्य ड्राई फ्रूट्स स्वस्थ वसा, प्रोटीन, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स का एक अच्छा स्रोत होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य और सामान्य अच्छे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: ड्राई फ्रूट्स को उपवास के दौरान नाश्ते के रूप में खाया जा सकता है, विशेषकर उनकी कच्ची अवस्था में। एक मुट्ठी भर मिश्रित ड्राई फ्रूट्स पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा प्रदान कर सकती है, लेकिन अधिक सेवन से बचा जाना चाहिए क्योंकि उनमें अधिक कैलोरी होती है।
7. नवरात्रि (Navaratri ) मे सामा चावल (बार्नयार्ड मिलेट)
पोषणीय मूल्य: सामा चावल कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और आयरन, कैल्शियम जैसे खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। यह महत्वपूर्ण एमिनो एसिड प्रदान करता है और ग्लूटेन-मुक्त होता है।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: सामा चावल को उपवास के दौरान पुलाव या उपमा बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए, एक अच्छे संतुलित उपवासी भोजन का हिस्सा बनाए रखने के लिए।
8.सब्जियां
पोषणीय मूल्य: आलू, शकरकंद और अन्य रूखी सब्जियां कार्बोहाइड्रेट, आहारी फाइबर, विटामिन और खनिज प्रदान करती हैं, जो सामान्य स्वास्थ्य और भलाई के लिए आवश्यक होती है।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: सब्जियां उबली हुई, भूनी हुई, या सालन के रूप में उपवास के दौरान खाई जा सकती है। विभिन्न पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा बनाए रखने के लिए इन्हें मात्रिम में खाना चाहिए।
9.डेयरी प्रोडक्ट्स
पोषणीय मूल्य: दही, दूध और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन बी12 और विटामिन डी के एक अच्छे स्रोत होते हैं।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: डेयरी प्रोडक्ट्स को उपवास के दौरान दही, छाछ, या पनीर के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसे मात्रिम में खाना चाहिए, अत्यधिक वसा सेवन से बचने के लिए।
10.नारियल
पोषणीय मूल्य: नारियल स्वस्थ वसा, विटामिन, और खनिजों से भरपूर होता है। इसमें मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं जो त्वरित ऊर्जा प्रदान करते हैं और जठराग्नि स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं।
उपवास में खाने का तरीका और मात्रा: नारियल को नारियल पानी, कद्दूकस किया हुआ नारियल, या नारियल का दूध के रूप में उपवास के दौरान उपयोग किया जा सकता है। इसे उचित मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि इसमें कैलोरी की अधिकता होती है।
इन आहारों को मात्रिम में और विविधता रखते हुए उपवास के दौरान एक संतुलित आहार का हिस्सा बनाने से उपवास के दौरान संतुलित पोषण मिलता है।
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