मोटे अनाजों (whole grains) से बना आटा जो आपके खाने के स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी होंगे फायदेमंद

आजकल की जीवनशैली में स्वस्थ खाने की मांग बढ़ती जा रही है। लोग अब ज्यादातर स्वस्थ आहार खाना पसंद कर रहे हैं ताकि उनकी शारीरिक सेहत अच्छी रहे। इसमें मोटे अनाजों (whole grains) का महत्वपूर्ण स्थान है। मोटे अनाजों हमारे आहार का मुख्य हिस्सा होते हैं और इन्हें हर महीने हमारे आहार में शामिल करना चाहिए। यहाँ हम मोटे अनाजों से बने आटे के फायदों के बारे में चर्चा करेंगे जो आपके खाने के स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

मोटे अनाजों (whole grains) से बने आटे के फायदे( मोटा अनाज क्यों खाना चाहिए?)

1. पोषण से भरपूर

मोटे अनाजों (whole grains)आटा अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे कि फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स। यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुन्दर बनाए रखने में मदद करता है। मोटे अनाजों (whole grains)जैसे गेहूं, बाजरा, जौ, रागी, और अन्य अनाज आटा, विभिन्न पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत होते हैं जो हमारे शारीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इनमें मौजूद फाइबर सेहतमंद डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाए रखता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। इसके साथ ही, विटामिन और मिनरल्स शरीर के नियमित कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं और सेहतमंद तंत्रों की रखरखाव करते हैं।

2. वजन नियंत्रण

मोटे अनाजों (whole grains) से बने आटे में मौजूद फाइबर वजन नियंत्रण में सहायक होता है। यह आपको भूख को कम करने में मदद करता है और उचित पेट भराव का एहसास दिलाता है। इसके साथ ही, अनाजों से बने आटे में मौजूद अनुच्छेदित फाइबर भोजन को पचाने में मदद करता है और उचित डाइजेस्टिव सिस्टम की रचना में सहायक होता है, जिससे आपका वजन नियंत्रित रहता है।

3. डायबिटीज का नियंत्रण

मोटे अनाजों (whole grains) से बना आटा खाने से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक होता है। मोटे अनाजों (whole grains) से बना आटा अपनी ऊंची फाइबर मात्रा के कारण खाने को पचाने में धीरे धीरे होता है जिससे रक्त शर्करा का स्तर सामान्य रहता है और डायबिटीज को नियंत्रित रखने में सहायक सिद्ध होता है। इससे उच्च रक्त शर्करा के स्तर की समस्या से ग्रसित लोगों को भी फायदा हो सकता है।

4. हृदय स्वास्थ्य

इसमें मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और दिल के रोगों से बचाव में मदद करते हैं। मोटे अनाजों (whole grains) से बने आटे में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और यह दिल के रोगों से बचाव में मदद करते हैं। यह रक्त संचार को सुचारु रूप से संचालित रखता है और रक्त चाप को नियंत्रित करने में मददगार सिद्ध होता है, जिससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम होता है। इसके साथ ही, अनाजों में मौजूद विटामिन और मिनरल्स भी हृदय की सेहत को बनाए रखने में सहायक होते हैं।

5. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखें

मोटे अनाजों (whole grains) से बने आटे में मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है और कब्ज से राहत दिलाती है। मोटे अनाजों से बने आटे में मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह आपके खाने को अच्छी तरह से पचाने में मदद करता है और आपको कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। इससे आपका पाचन तंत्र सुचारु रूप से कार्य करता है और आपकी ओवरऑल सेहत को बनाए रखने में मददगार होता है।

मोटे अनाजों (whole grains) के कुछ प्रकार

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मोटे अनाजों (whole grains)की विविधता भारतीय खाद्य संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। ये अनाज भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और भारतीय आहार में पूर्णता और संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख मोटे अनाजों (whole grains) के प्रकार हैं:

  1. गेहूँ: गेहूँ भारतीय रोटी की मुख्य सामग्री होता है। इसमें फाइबर, विटामिन और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शारीर के लिए आवश्यक होती है।
  2. बाजरा (Pearl Millet): बाजरा गर्मी में खासकर उत्तर भारत में प्रयुक्त किया जाता है। इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो शारीर को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं।
  3. जौ (Barley): जौ भी एक प्रमुख मोटा अनाज है जिसे शांति और शुभता के साथ जोड़ा जाता है। इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शारीर के लिए फायदेमंद होती है।
  4. चना: चना भी मोटा अनाज की श्रेणी में आता है जिसे भारतीय खाद्य संस्कृति में व्यापक रूप से प्रयुक्त किया जाता है। इसमें प्रोटीन, आयरन और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो शारीर के लिए महत्वपूर्ण होती है।
  5. रागी (Finger Millet): रागी या मंडुआ एक अत्यंत पोषणीय अनाज है जो उच्च फाइबर, कैल्शियम, और आर्गेनिक असिड्स का स्रोत होता है। रागी, जिसे फिंगर मिलेट या मंडुआ के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यंत पोषणीय अनाज है जो भारतीय सबकी की खेती में प्रमुख रूप से उगाया जाता है। इसकी खासियत यह है कि यह अन्य अनाजों की तुलना में अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
  6. ओट्रस (Oats): ऑटा एक अत्यधिक पोषणीय मोटा अनाज है और यह प्रमुख रूप से पोर्रिज और अन्य दलियां के रूप में उपयोग होता है। यह फाइबर और बी-विटामिन का अच्छा स्रोत होता है।
  7. मक्का (Corn): मक्का आटा या मक्की का आटा मुख्य रूप से अमेरिका और केनेडा में उपयोग होता है। यह विटामिन और मिनरल्स का स्रोत होता है और ग्लूटन-मुक्त होता है।

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