डाइबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की इंसुलिन प्रतिरोध क्षमता के बढ़ जाने से होती है। यह शरीर के खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ा देता है जो कि बाद में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। यह एक लाइफस्टाइल रोग है जो दीवारों की तरह हमारे समाज में बन गया है।
डाइबिटीज कितने प्रकार का होता है?(TYPES OF DIBETIES)
डाइबिटीज के दो प्रकार होते हैं: पहले प्रकार को टाइप 1 डायबिटीज कहा जाता है, जो ज्यादातर युवाओं को प्रभावित करता है जबकि दूसरे प्रकार को टाइप 2 डायबिटीज कहा जाता है जो अधिकतर बड़े वयस्कों को प्रभावित करता है।
डाइबिटीज के लक्षण बताओ
डाइबिटीज के लक्षण में शामिल होते हैं: बार-बार पेशाब करना, अत्यधिक प्यास लगना, थकान और कमजोरी, त्वचा सूखापन, नाखूनों में संक्रमण, नेत्र रोग और अवरोधित चोट जल्दी ठीक नहीं होती है। यदि आपको लगता है कि आपके शरीर में डायबिटीज के लक्षण हैं, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
डाइबिटीज को कैसे रोके ?
निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को सेवन करने से आप अपने खुराक को संतुलित बनाए रख सकते हैं: डायबिटीज को रोकने के लिए कुछ उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं:
1.स्वस्थ आहार:
- सब्जियां और फल: सब्जियां और फल डायबिटीज के लिए बहुत ही अनुकूल होते हैं। इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो आपके खुराक को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। आपको फल और सब्जियों का सेवन अधिकतम रूप से करना चाहिए और आपको अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स और बाजरे को भी शामिल करना चाहिए।
- प्रोटीन: दूध उत्पाद, मांस, मछली और अंडे जैसे प्रोटीन के स्रोतों का उपयोग करना डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। प्रोटीन का सेवन शरीर के इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है जो डायबिटीज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
2.व्यायाम(EXERCISE)
व्यायाम डायबिटीज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे शरीर के इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। निम्नलिखित तरीकों से व्यायाम डायबिटीज के संबंध में असर डालता है:
- शरीर के इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करता है: व्यायाम करने से शरीर के इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। व्यायाम करने से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है जिससे इंसुलिन के उत्पादन में सुधार होता है।
- शरीर के वजन को नियंत्रित करता है: व्यायाम करने से शरीर के वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। वजन नियंत्रण करने से डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।
- शरीर की ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है: व्यायाम करने से शरीर की ऊर्जा का स्तर बढ़ता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अधिक ऊर्जा सेवन करने से शरीर के ग्लूकोज का स्तर भी नियंत्रित होता है।
3.वजन कम करें (LOSS WEIGHT)
डायबिटीज में वजन कम करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे अधिक वजन से संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है जो डायबिटीज के मरीजों को नुकसान पहुंचाते हैं।
डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या उत्पादन करता है लेकिन उसका संभावित उपयोग नहीं करता है। वजन कम करने से शरीर के इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे शुगर का स्तर भी नियंत्रित होता है।
वजन कम करने से शरीर के अन्य समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है, जैसे कि उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, विभिन्न प्रकार के कैंसर आदि। वजन कम करने से शरीर में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित होता है और इससे आपको डायबिटीज के दुष्प्रभावों से बचाने में मदद मिलती है।
इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को वजन कम करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, इससे पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए कि आपके लिए कौन सा वजन कम करने का तरीका सही है।
4.नियमित चेकअप:
डायबिटीज में नियमित चेकअप करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह बीमारी लंबे समय तक नियंत्रण में नहीं रह सकती है और इससे कई संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
नियमित चेकअप से आप अपने डॉक्टर से जांच करवा सकते हैं कि आपका शुगर लेवल कितना है और क्या आपके लिए कुछ और जांच की जरूरत है। यदि आपके शुगर लेवल नियंत्रित नहीं होते हैं तो आपके डॉक्टर आपकी दवाओं या इंसुलिन की खुराक को बदल सकते हैं जो आपके शुगर को नियंत्रित करने में मदद करेंगे।
इसके अलावा, डायबिटीज में नियमित चेकअप से आपको शुगर के दुष्प्रभावों को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह आपकी आँखों, किडनी, हृदय, पाचन तंत्र, त्वचा आदि की समस्याओं की जांच करने में मदद करता है। इसके साथ ही, चेकअप से आपको अपने लाइफस्टाइल और खाने के व्यवहार को भी सुधारने के सुझाव मिलते हैं, जो आपको बेहतर और स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।
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