सनस्क्रीन त्वचा के ऊपरी परत पर काम करता है जो हमारी त्वचा को अल्ट्रावायलेट किरणों के नुकसान से बचाती है सनस्क्रीन में कुछ खास तत्व होते हैं जैसे जिंक ऑक्साइड टाइटेनियम ऑक्साइड इत्यादि यह अल्ट्रा वायलेट किरणों से हमारे स्किन की सुरक्षा करते हैं ।
शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है इसलिए हमें सूर्य की रोशनी नहीं होना चाहिए सूर्य की रोशनी अनकंट्रोल तरीके से हमारे शरीर पर पड़ती है फायदा देने के बजाय हमें नुकसान करती है।
सनस्क्रीन लगाने के फायदे (benefits of sunscreen)
सनस्क्रीन (Sunscreen)लगाना चाहिए ,बात तो सब करते हैं लेकिन सनस्क्रीन लगाना क्यों चाहिए ? भी जानना जरूरी क्रीम के क्या फायदे हैं वह हमारे स्किन को का सुरक्षित करती है जानना भी जरूरी हैं |
1. अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा प्रदान करता है (sunscreen protect from UV and UAV rays )
क्या आप जानते हैं कि आपकी स्किन की बहुत सारी समस्याएं अल्ट्रावायलेट किरणों की वजह से होती है| आप अपनी त्वचा को उनसे बचा लेते हैं तो आपकी त्वचा बहुत सारी समस्याएं होंगी कि नहीं ,आपके चेहरे में वक्त से पहले उम्र दिखने लगी है| उन्हें झुर्रियां पड़ने लगी है आपका चेहरा मेल्विन के डी पोजीशन के कारण डार्क दिखने लगा है | स्किन के लिए जरूरी प्रोटीन जैसे कोलेजिन, कैरोटीन और इलास्टिन हमारी त्वचा को मुलायम और हेल्दी यानि स्वस्थ रखते हैं। इन सभी तत्वों की सूर्य की हानिकारक ल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगाएं।
समझ जाइए कि आपकी स्किन को सनस्क्रीन की जरूरत है इसलिए आपको हमेशा सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए|
क्या आप अपना स्किन टाइप जानते हैं ?
2. स्किन कैंसर के रिस्क को कम करती है (minimize the risk of skin cancer)
क्या आप जानते हैं कि अगर आप रोज कम से कम 30 SPF की सनस्क्रीन भी रोज़ लगाते हो ,आप अपने कैंसर होने के चांसेस हो काफी कम कर रही हो.|अगर आप बाहर ज्यादा समय बिताते हैं तो आप इससे ज्यादा की spf की सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. आपको हर 2 घंटे में अपनी सनस्क्रीन को लगाते रहना चाहिए |
बेहतर होता कि आप हमेशा 30 spf य उससे ज्यादा वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें| लेकिन का प्रभाव सबसे ज्यादा निर्भर करता है उसमें मौजूद ‘SPF’ यानि ‘सन प्रोटेक्टिंग फैक्टर’ पर। सनस्क्रीन में SPF जितना ज्यादा होगा, सनस्क्रीन उतना ज्यादा प्रभावी होगा। बाजार में सनस्क्रीन आपको क्रीम, लोशन और माॅइश्चराइजर के रूप में मिलते हैं।
3. Anti -Aging के साइन को रोकती है ( reduce the sign of aging)
अगर आप बिना किसी प्रोटेक्शन के ज्यादा समय सूर्य की किरणों में रहते हो आपकी त्वचा की इलास्टिन collagen व स्किन सेल्स डैमेज हो जाती है |यह ज्यादा समय होने पर त्वचा का रंग आसमान स्किन में एजिंग के साइन दिखने लगते हैं |आपके चेहरे में रिंकल्स व फाइन लाइन कितने लगते हैं इसमें बाहर जाने से पहले हमेशा स्क्रीन का प्रयोग |
4. चेहरे के डिस्कलरेशन को रोकती है | ( prevent discoloration of skin)
चेहरे पर लगातार सूर्य की रौशनी पड़ने पर चेहरे की रंगत आसमान हो जाती है ,इस डिस्कलरेशन को सन स्पॉट ( sun spot)या लिवर स्पॉट ( liver spot)कहते है यह हल्के ब्राउन कलर के होते हैं यह चेहरे हाथ पैर सर तथा बाजू में हो जाते हैं सनस्क्रीन से डेली प्रयोग से इसे प्रीवेंट किया जा सकता है |
5.सनस्क्रीन ( SUNSCREEN )त्वचा को टैनिंग तथा सनबर्न से बचाती है |
त्वचा पर एक प्राकृतिक पिगमेंट पाया जाता है जिसे मेलेनिन कहते हैं इसे मेलानोसाइट्स नाम की सेल्स प्रोड्यूस करती हैं। त्वचा से अल्ट्रावायलेट किरणों को आव्जार्व करके त्वचा को प्रोटेक्ट करती हैं। मिलेनिन का प्रोडक्शन सूर्य की किरणों पर निर्भर करता है। त्वचा पर जितनी ज्यादा सूर्य की किरणें पड़ती है स्किन में उतना ही ज्यादा मिलन का प्रोडक्शन होता है इससे त्वचा का रंग गहरा होता जाता है । बहुत सारे लोगों में त्वचा के रंग गहरा होने के साथ-साथ चेहरे पर रिंकल दाग धब्बे आसमान रंगत जैसी समस्याएं भी दिखने लगती है ।
जब हम अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन का प्रयोग करते हैं तो सूर्य की किरने हमारी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचा पाती | लेकिन यदि हम रोज पीना सनस्क्रीन लगाएं बाहर जाते हैं ,जिससे त्वचा का रंग काला हो जाता है इसे ही टैनिग कहते हैं । जब हम अपनी स्क्रीन पर प्रतिदिन बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन का प्रयोग करते हैं तो यह असर काफी हद तक कम हो जाता है और हमारी स्किन TAN होने से बच जाती है ।
Sunscreen का चुनाव कैसे करें ? ( how to choose sunscreen)
मार्केट में सनस्क्रीन के बहुत सारे ऑप्शन उपलब्ध है उनका चुनाव करना भी आसान नहीं है| सनस्क्रीन का चुनाव करते समय सबसे इंपोर्टेंट चीज जो दिमाग में रखनी चाहिए SPF. अपनी त्वचा को पूरी तरह से प्रोटेक्ट करने के लिए ज्यादा बड़ी spectram SPF का प्रयोग करें | लेकिन आपकी सनस्क्रीन कैसी होनी चाहिए यह आपकी स्किन टाइप पर भी निर्भर करता है|
ऑयली स्किन के लिए सनस्क्रीन ( sunscreen for oily skin)
- ऑयली स्किन के लिए sunscreen क़ा चुनाव सबसे मुश्किल काम होता है. खासकर ऑयली स्किन के लिएऑयली स्किन के लिए हमेशा जेल य स्प्रे बेस्ड sunscreen क़ा चुनाव करें|
- सनस्क्रीन डेर्मटोलॉजिकली टेस्टेड हो |
- हमेशा ऐसे सनस्क्रीन (Sunscreen) पैराफिन सल्फेट का सिलिकॉन बहुत कम हो य हो ही ना तो ज्यादा बेहतर होगा|
ड्राई स्किन के लिए आवश्यक सनस्क्रीन ( sunscreen for dry skin)
- ड्राई स्किन के लिए हमेशा ऐसे सनस्क्रीन का चयन करें जो वाटरप्रूफ और स्वेट प्रूफ हो कैसे सनस्क्रीन लंबे समय तक टिके रहते हैं|
- सनस्क्रीन डेर्मटोलॉजिकली टेस्टेड हो |
- रूखी त्वचा के लिए सनस्क्रीन मॉइस्चरीजिंग लोशन हो तो बेहतर होगा इससे आपको अलग से मॉइस्चरइज़र की जरूरत नहीं पड़ेगी |
सेंसिटिव व एक्ने प्रोन स्किन के लिए sunscreen ( sunscreen for sensitive and acne prone skin)
सेंसिटिव स्किन के लिए बेहतर होगा कि एक्ने प्रोन स्किन के लिए प्रयोग किया जाने वाला मॉइस्चरइज़र spf साथ आता है का प्रयोग करें |
सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें| ( how to use sunscreen)
- सनस्क्रीन के बहुत सारे फायदे हैं जो आपने ऊपर के आज के इस में लेकिन इसका फायदा तभी होगा जब आप इसे सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे|
- हमेशा ऐसे सनस्क्रीन का चुनाव करें जो आपको सूर्य की किरणों स सुरक्षा प्रदान करें जिसका स्पेक्ट्रम ब्रॉड हो
जब भी आप बाहर जाएं उससे 15 मिनट पहले sunscreen को चेहरे पैरों गर्दन वाह सूर्य की किरणों में एक्सपोज स्किन पर लगाएं किससे संस्कृत अच्छे से absorb हो जाएगी | - अगर आप ज्यादा देर तक सूर्य की किरणों में बाहर रहते हैं तो हर 2 घंटे में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें |
SPF क्या होता है । ( what is SPF )
SPF( sun protection factor) सूरज की किरणों आपकी त्वचा की सुरक्षा करने में आपके सनस्क्रीन की दक्षता के बारे में बताता है. की सनस्क्रीन त्वचा पर कितने अच्छे तरीके से काम करेगी | SPF जितना ज्यादा होगा सनस्क्रीन उतनी ही इफेक्टिव होगी |
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